Saturday, January 7, 2012

Jan LokPal Bill

जन लोकपाल (Jan LokPal Bill)
आज हिंदुस्तान का आम आदमी सरकार की स्वच्छ छवि चाहता है और अन्ना जी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था
ऐसा नहीं है की उनके आन्दोलन को या विचार को समर्थन नहीं है जैसा की आजकल प्रतीत होता है की मुंबई में उनका आन्दोलन सफलता प्राप्त नहीं कर  पाया
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है कि उनके जन लोकपाल में ऐसी क्या खराबी थी जो वह पारित नहीं हो सका ,
अगर हम पीछे मुड करे देखें तो पाएंगे की हमारे रास्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने अपने लिए किसी तरह की सुविधा - कार, आलीशान बंगला , एर कंडीशनर इत्यादि नहीं ली
नेता / सरकारी अफसर तो जन सेवक हैं तो उन्हें जन लोकपाल की परिधि में आने से डर किस बात का |
सरकार में अक्सर कई काम समय पर नहीं होते और जिम्मेदारी का कोई भय नहीं होता , इन सब को व्यस्थित करने के लिए कारगर उपाय की भी कमी है
क्यों न सभी सरकारी विभागों की अटेंडेंस किसी और विभाग के हाथ मैं हो , ग्रुप सी एम्प्लोई से ही सबसे ज्यादा आम आदमी को काम पड़ता है वो क्यों नहीं जन लोकपाल की परिधि में आना चाहिए
सभी जानते हैं कि कितने लोग ड्राइविंग लाइसेंस के एक्साम देते है और कितने ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं |
ट्रेन में आपका पाला टिकट चेकर (ग्रुप सी एम्प्लोई ) से पड़ता की अधिकारी से
अभी शायद कुछ समय पहले अरबिंद केजीवल ने कहा था की जैसे हमें बैंक अकाउंट की जानकारी एस एम् एस के जरिये मिल सकती है तो जन सुविधाएँ एस एम् एस के जरिये ( की आपकी फाइल / एप्लीकेसन कहाँ पहुँची ) दी जाएँ या कोई कारगर कदम उठाएं

Responsibilty of making strong Jan-Lokpal is in the hands of all political parties (Congress, BJP, SP, BSP,CPM, JDU,BJD,TC,AIADMK,DMK,Shivsena etc.)
And Jan Lokpal implementation should be in such a way so that influence of Foreign powers negligible,
Not weak our current system.
Goverment can make a VOTING from all Graduates of Indian Public just like an Objective Paper, And important points/facts can be taken out instead of passing it in PARLIAMENT.
After that its implementation if taken in PARLIAMENT then it can really helpful.